Saturday, May 30, 2020

बजरंग बली 2

शेरवानी, लंहगे,साड़ी से सजी मैनिक्विन और सामने बजरंगबली... क्या तालमेल है??
बाल ब्रह्मचारी घिरे है बाजार से. शादियों का सीजन है. चारों तरफ चूड़ा, चुन्नी, लहंगा, शेरवानी और ज्वेलरी की धूम है.
सड़क पर भरपूर चहल पहल है. मंदा सा कुछ चल रहा है... अखबार ऐसा कहती हैं. शोरूम अपेक्षाकृत कुछ कम भरे से हैं. खाने के स्टॉल और फुटपाथ बाजार में पूरी रौनक है.
भीड़ में लड़के लड़कियों की डेटिंग करते हुए जोड़े, टिंडर पर डेट ढूंढते हुए छड़े, चह-चाहते लड़कियों के ग्रुप, शादी की खरीदारी करते परिवार, ज्वेलरी शोरूम की साड़ी पहनी पुती- पुताई सेल्सगर्लस... तरह-तरह की भीड़ है.
मंदिर के आगे से निकलते हुए कोई दिल पर हाथ रखकर झुकते हुए, कोई हाथ जोड़कर निकलते हुए, कोई रुक कर घंटी बजाकर बुद-बुदाते हुए, वाकई में वैरायटी है : दुआ मांगने वालों की और दुआ मांगने के तरीकों की.
द्वार के ठीक ऊपर रक्षक बजरंगबली तो है ही. मंदिर में ठीक सामने मंद-मंद मुस्कुराते हुए राधा-कृष्ण की मनमोहक मूर्ति है.
हरे वस्त्रों में राधा और पीतांबर में सोलह कला संपूर्ण कृष्ण.

आइए अब जरा क्लाइडोस्कोप मैं झांकते है...

बजरंगबली आपका नाम लेकर यह जो दल बना है ना लड़के लड़कियों के जोड़ों को हड़का रहा था.
कह रहा था कि "सभ्यता खतरे में है."
हे बाल ब्रह्मचारी आप तो राधा कृष्ण की मूर्ति के रखवाले हैं, द्वार पालक हैं. क्या आपको भी धमकाया इन्होंने??
आपको भी चिल्ला कर बोल कि हे बॉडीगार्ड हट सामने से.राधा की मूर्ति हटानी है रुक्मणी की लगानी है.

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